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यही हाल रहा तो सुपरफास्ट ट्रेनों से भी धीरे चलने लगेगा वंदे भारत, 3 साल से लगातार घट रही है रफ्तार जाने आखिर क्या है कारण

 

आप सबको जानकारी के लिए बता दे की बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर पेश करने वाले वंदे भारत ट्रेन की रफ्तार दिन पर दिन धीरे-धीरे काम होते जा रहा है। बता दे की साल 2019 में पहली बार वंदे भारत ट्रेन भारत में चलना शुरू हुआ था और अब कई रूटों पर दौड़ रही है वंदे भारत ट्रेन। लेकिन आपको बता दे की कमजोर ट्रैक और मरम्मत कार्य के चलते कई जगहों पर वंदे भारत ट्रेन की रफ्तार धीरे-धीरे कम होते जा रहा है। वंदे भारत ट्रेनों की औसत गति 2020 से 2021 में 84.48 किलोमीटर प्रति घंटा से घटकर 2023 से 2024 में 76.25 किलोमीटर प्रति घंटा हो गया। रेल मंत्रालय ने RTI के तहत एक आवेदन के जवाब के माध्यम से यह जानकारी दिया है कि वंदे भारत ट्रेन भारत देश की प्रीमियम ट्रेन है और इसका किराया अन्य ट्रेनों के मुकाबले ज्यादा रहता है। इसी सुविधा और स्पीड के वजह से ही लोग ज्यादा किराया देते हैं। लेकिन इसका यानी वंदे भारत ट्रेन का रफ्तार धीरे-धीरे कम होते जा रहा है और यह बात यात्रियों को अच्छा नहीं लग रहा हैं।

 

 

जहां पर ट्रैक अच्छा नहीं होता है वहां पर 75 KM/H की  गिरफ्तार हो जाता है

यही हाल रहा तो सुपरफास्ट ट्रेनों से भी धीरे चलने लगेगा वंदे भारत, 3 साल से लगातार घट रही है रफ्तार जाने आखिर क्या है कारण

 

आप सबको जानकारी के लिए बता दे की रेलवे अधिकारी ने कहा है कि न केवल वंदे भारत ट्रेन बल्कि कई अन्य ट्रेन भी उन मार्गों पर गति को लेकर सावधान व्रत रही है। जहां बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचागत कार्य चल रहे हैं। यानी जिन मार्ग पर अभी रेलवे ट्रैक का काम चल रहा है उन मार्ग से वंदे भारत या अन्य ट्रेन भी धीमी गति से चलता है। इसके बाद आपको बता दे की न्यूज़ एजेंसी PTI के मुताबिक रेलवे अधिकारी की ने कहा है कि इसके अलावा कुछ वंदे भारत ट्रेनों दुर्गम क्षेत्रों में भी चलाई गई है जहां भौगोलिक कारणों या खराब मौसम की वजह से तेज रफ्तार नहीं रख सकते हैं। इसके बाद मुंबई CSMT और मडगांव के बीच वंदे भारत ट्रेन का उदाहरण देते हुए सेंट्रल रेलवे जोन के एक आधिकारिक ने कहा है कि कोंकण रेलवे का अधिकांश क्षेत्र ‘घाट’ है जहां पर ट्रेन कम ऊंचाई वाली पर्वत श्रृंखलाओं से होकर गुजरता है। और यह दुर्गम क्षेत्र है जहां पर गति बढ़ने से सुरक्षा का सवाल पैदा ही नहीं होता है। यानी कोंकण ‘घाट’ वाले माध्यम से अगर ट्रेन ज्यादा स्पीड में चलाया जाएगा तो 100% कोई नहीं तो कोई दुर्घटना होने का चांस रहेगा। और फिर इसके बाद उन्होंने आगे कहा कि मानसून के मौसम में ट्रेनों का संचालन तब चुनौतियां पूर्ण हो जाता है। यानी मानसून वाले समय में ट्रेन चलाना तब गंभीर हो जाता है जब हमें सभी ट्रेनों की अधिकतम गति 75 किलोमीटर प्रति घंटा रखना होता है।

130 की क्षमता वाले ट्रेन दौड़ रही है 76 की स्पीड में

RTI आवेदन मध्य प्रदेश निवासी चंद्रशेखर गौर ने कहा है कि RTI के माध्यम से प्राप्त आंकड़ों से पता चला है कि वंदे भारत ट्रेन की औसत गति 2020 से 21 में 84.48 किलोमीटर प्रति घंटा थी। जो की 2022 से लेकर 2023 में घटकर 81.38 किलोमीटर प्रति घंटा हो गया। और इसके बाद साल 2023 से लेकर 2024 में इनका रफ्तार और ज्यादा कम होकर 76.25 किलोमीटर प्रति घंटा हो गया। इसके बाद आपको बता दे की 15 फरवरी 2019 को शुरू किया गया वंदे भारत ट्रेन एक सेमी हाई स्पीड ट्रेन है। जो की अधिकतम 160 किलोमीटर पर घंटा के रफ्तार से चल सकता है हालांकि खराब ट्रैक स्थिति के कारण यह दिल्ली आगरा मार्ग को छोड़कर देश के कहीं भी 130 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक की रफ्तार से नहीं चल सकती है। बता दे की रेलवे आधिकारिक ने कहा कि वंदे भारत ट्रेन की गति की बनाए रखने के लिए रेलवे पटरी की मरम्मत और उन्हें बेहतर बनाया जा रहा है। एक बार ट्रैक का काम पूरा हो जाता है उसके बाद हमारे पास ऐसी ट्रेन होगा जो 250 किलोमीटर प्रति घंटा के रफ्तार से चलेगा।

वंदे भारत ट्रेन में अब तक 2.15 करोड़ यात्री कर चुके हैं यात्रा

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आप सबको जानकारी के लिए बता दे की देहरादून आनंद विहार 63.42 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से वंदे भारत ट्रेन चलता है। और पटना रांची 62 किलोमीटर प्रति घंटा के रफ्तार से वंदे भारत ट्रेन चलती है। इसके बाद कोयंबतूर बेंगलुरु कैंट 58.11 किलोमीटर प्रति घंटा के रफ्तार से चलता है। बता दे कि जहां वंदे भारत ट्रेन की गति इसकी औसत रफ्तार से भी खराब है। ट्रैक निर्माता के एक एक्सपर्ट ने कहा कि पहली बार वंदे भारत ट्रेन 2019 में शुरू हुआ था। और तब से लेकर अभी तक सेमी हाई स्पीड वाली ट्रेन चलाने लायक पटरी नहीं बिछाई गई है। यानी जब से वंदे भारत ट्रेन भारत में चलना शुरू हुआ उसके बाद से अच्छा पटरी यानी ट्रैक का निर्माण नहीं हुआ है। रेल मंत्रालय का कहना है कि वंदे भारत ट्रेन में 31 मार्च तक 2.15 करोड़ से अधिक लोग यात्रा कर चुके हैं। इसके बाद वंदे भारत में कई विशेषताएं और जैसे कवच सुरक्षा फीचर्स इस्तेमाल किया गया है। जैसे में 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक के की गति पूरी तरह से सील बंद, ऑटोमेटिक प्लग दरवाजे, यानी इस वंदे भारत ट्रेन में यात्री को सुरक्षा के लिए बहुत सारे फीचर्स इस्तेमाल किए गए हैं इसके बारे में आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं। इसके बाद रेल आधिकारिक ने बताया कि देशभर में कुल 284 जिले वंदे भारत एक्सप्रेस से जुड़ चुके हैं रेलवे नेटवर्क के 100 मार्गो पर 102 बंदे भारत ट्रेन सेवाएं दे रहा है।

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