आप सबको जानकारी के लिए बता दे की लोकसभा चुनाव 2024 के रुझान आना शुरू हो गया है और 2024 के इलेक्शन में भारत के प्रधानमंत्री कौन बनेगा इसके बारे में भी आप लोग विस्तार से जान रहे होंगे। बता दे कि लगभग भारत के अंदर होने वाले हर एक चुनाव में EVM पर सवाल उठता है EVM वही मशीन है जिस पर जाकर आम व्यक्ति अपना अपना वोट देता है। लेकिन हैरान कर देने वाला बात ये है कि EVM को लेकर लोगों के मन मे कई तरह के सवाल आते रहते हैं। तो आइए हम जानते हैं कि आखिर EVM मशीन कैसे काम करता है और इसमें कितने वोट को स्टोर किया जाता है बता दे की EVM से जुड़े कई सारे सवाल पर हम पहले भी बता चुके हैं।
EVM में वोट काउंटिंग कैसे होता है बहुत सारे लोगों के मन में यह सवाल आ रहा है और बैलेट पेपर के मुकाबले EVM पर काउंटिंग बहुत ही आसानी से हो जाता है। सिर्फ एक बटन दबाते ही उस EVM में दर्ज वोट का रिजल्ट सामने आ जाता है। यानी एक EVM कितना वोट स्टोर किया गया है मात्र एक बटन दबाते ही पूरा रिजल्ट सामने आ जाता है आईए जानते हैं कि यह पूरा प्रोसेस कैसे काम करता है।
EVM में काउंटिंग की शुरुआत कैसे होती है
आप सबको बता दे कि चुनाव के बाद सबसे पहले EVM को सुरक्षित काउंटिंग सेंटर पर पहुंचाया जाता है। इन्हें करी सुरक्षा के बीच स्ट्रांग रूम में रखा जाता है। बता दे कि EVM मशीन को केवल इलेक्शन ऑफिसर की एक्सेस में रखा जाता है। हालांकि EVM मशीन काउंटिंग के वक्त राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि भी मौजूद होते हैं और इस पर लगातार नजर रखी जाती है। यानी EVM मशीन पर पार्टियों से लेकर इलेक्शन ऑफिसर तक नजर रखते हैं।
EVM वोट काउंटिंग की प्रक्रिया
बता दे कि चुनाव नतीजे के दिन EVM मशीन को काउंटिंग के लिए तैयार किया जाता है और कंट्रोल यूनिट पर लगी सील को राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधित्व कि में तोड़ा जाता है। और फिर शुरू होता है EVM में स्टोर वोट की प्रक्रिया। यानी हम आसान भाषा में समझे तो वोट काउंटिंग के दिन EVM मशीन को सभी राजनीतिक पार्टियों के बीच सील पैक से निकाला जाता है और उसके बाद काउंटिंग शुरू होता है।
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कैसे दिखता है EVM का रिजल्ट
आप सबको जानकारी के लिए बता दे बैलेट पेपर की तरह EVM मशीन में स्टोर वोट काउंटिंग करने में ज्यादा वक्त नहीं लगता है EVM की कंट्रोल यूनिट को एक्टिवेट किया जाता है। इसके बाद यूनिक पर लगे रिजल्ट बटन को क्लिक किया जाता है और फिर बटन पर क्लिक करते ही CU यानी कंट्रोल यूनिट सभी कैंडिडेट्स को मिले वोट दिखाना शुरू कर देता है।
बता दे कि इस रिजल्ट को भी मैन्युअल काउंटिंग ऑफिसर और प्रतिनिधित्व द्वारा रिकॉर्ड किया जाता है यानी EVM मशीन मे स्टोर वोटिंग की काउंटिंग भी राजनीतिक पार्टियों के बीच किया जाता है। बता दे की कंट्रोल यूनिट का रिजल्ट के अलावा भी एक टोटल बटन का भी ऑप्शन होता है। इस बटन पर क्लिक करके यह देखा जाता है कि कितने वोट पड़े हैं यानी टोटल उस EVM मशीन में कितना वोट स्टोर हुआ है।
क्रॉस वेरिफिकेशन भी होता है
आप सबको बता दे की राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि कंट्रोल यूनिट पर दिख रहे रिजल्ट को वेरीफाई भी कर सकते हैं। इसके अलावा VVPAT (VOTER Verifiable Paper Audit Trail) पर्ची के जरिए इलेक्ट्रॉनिक अकाउंट की एक्यूरेसी को वेरीफाई भी किया जाता है इसके लिए कुछ यूनिट्स को रेंडम तरीके से चुना जाता है।
आखिर में किसी क्षेत्र की सभी EVM में दिख रहे रिजल्ट को एक जगह पर कैलकुलेट किया जाता है। जब सभी EVM के परिणामों को जोड़ लिया जाता है तो आखिर में फाइनल रिजल्ट आता है। बता दे की एक EVM (ECI) में अधिकतम 2000 वोट को रिकॉर्ड किया जाता है यानी हम आसान भाषा में समझे तो एक EVM में मात्र 2000 ही वोट को स्टोर किया जा सकता है। उससे ज्यादा स्टोर नहीं किया जा सकता है हालांकि सामान्य एक EVM में 1500 भी वोट रिकॉर्ड किए जाते हैं।
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