Keyboard के शब्दों में उलटफेर क्यों होता है, एक सीक्वेंस में क्यों नहीं होता है, जाने क्यों आविष्कार हुआ ऐसा डिजाइन

Keyboard के शब्दों में उलटफेर क्यों होता है, एक सीक्वेंस में क्यों नहीं होता है, जाने क्यों आविष्कार हुआ ऐसा डिजाइन
Keyboard के शब्दों में उलटफेर क्यों होता है, एक सीक्वेंस में क्यों नहीं होता है, जाने क्यों आविष्कार हुआ ऐसा डिजाइन
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

 

आप सब को जानकारी के लिए बता दे की डेस्कटॉप हो चाहे लैपटॉप दोनों के साथ ही कीबोर्ड का इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल यानी Keyboard का इस्तेमाल तब और ज्यादा बढ़ जाता है जब टाइपिंग करने की जरूरत होता है। यानि कहने का मतलब कि जब ऑनलाइन किसी को कुछ लिखना होता है तब टाइपिंग का काम और ज्यादा बढ़ जाता है। और जब किसी व्यक्ति को टाइपिंग नहीं आता है तो वह व्यक्ति टाइपिंग सीखने के लिए Keyboard का ही इस्तेमाल करके टाइपिंग सीखना है तो उस समय यानी टाइपिंग सीखने समय अक्षरों को ढूंढने में काफी ज्यादा समय लगता है। और कई बार तो लोगों को एक-एक बटन देखने पड़ती है तब जाकर सही शब्द मिलता है। ऐसे में लोगों को जरूर लगता होगा कि अगरKeyboard का सारे बटन एक सीक्वेंस में होता है यानी ABCD के ऑर्डर में होता तो टाइपिंग करना कितना आसान हो जाता। लोगों को ऐसा लगता होगा कि Keyboard पर अक्षर एक सीक्वेंस में क्यों नहीं होता है ऐसा क्यों होता है कि A के बाद S और K बाद W आता है। तो आइए इन सभी सवालों का जवाब विस्तार में जानते हैं कि आखिर Keyboard का आविष्कार करने वाले व्यक्ति ने कीबोर्ड पर अल्फाबेट को एक सीक्वेंस में क्यों नहीं सजाया क्यों इधर-उधर सजा दिया।

 

कहां से आया ये फॉर्मेट

Keyboard के शब्दों में उलटफेर क्यों होता है, एक सीक्वेंस में क्यों नहीं होता है, जाने क्यों आविष्कार हुआ ऐसा डिजाइन

 

आप सबको बता दे कि आज के समय में Keyboard में जो फॉर्मेट इस्तेमाल किया जाता है उसे फॉर्मेट को Qwerty फॉर्मेट कहा जाता है। कई दर्शकों से यह फॉर्मेट इस्तेमाल किया जा रहा है यानी पुराने जमाने से ही Qwerty फॉर्मेट में कीबोर्ड का इस्तेमाल किया जा रहा है। बता दे की Keyboard का डिजाइन टाइपराइटर के जमाने में हुआ था मतलब कंप्यूटर आने से पहले Keyboard का डिजाइन आ चुका था टाइपराइटर का इन्वेंशन करने वाले Christopher Latham Sholes ने पहले ABCD के सीक्वेंस में कीबोर्ड बनाया था। तो उस समय जब लोग टाइपराइटर पर बहुत तेजी से टाइप करते थे तो लगातार एक ही अक्षरों को टाइप करने से टाइपराइटर की सुइयां आपस में उलझ जाती थी। इसलिए टाइपिंग करने में दिक्कत होता था।

 

टाइपिंग बटनों का सीक्वेंस

इसके बाद आप सबको बता दे की टाइपिंग को सुविधाजनक और आसान बनाने के लिए अक्षरों को इस तरह से व्यवस्थित किया गया कि अक्सर साथ आने वाले अक्षरों को दूर-दूर रखा जाए जैसे की ‘PH’ और ‘SH’ अक्षर साथ आते हैं। इसलिए इन अक्षरों को अलग-अलग जगह पर रखा गया है इसलिए कई नाकाम एक्सपेरिमेंट के बाद1870 के दर्शक में Qwerty फॉर्मेट में ही कीबोर्ड का डिजाइन किया गया। साथ ही इसे टाइपराइटर की सूइयां उलझने का खतरा भी कम हो गया।

 

बीच में Dvorak Model भी आया था

आप सबको जानकारी के लिए बता दो कि कुछ दर्शक पहले कबोर्ड के ऊपर अक्षरों को अरेंजमेंट करने के लिए Dvorak Model भी आया था। इस मॉडल को August Dvorak ने इन्वेंट किया था और इन्हीं का नाम पर इसका नाम पड़ा था यह मॉडल भी ज्यादा आसान नहीं था। इसलिए बाद में बहुत ज्यादा एक्सपेरिमेंट करने के बाद कीबोर्ड के लिए Qwerty फॉर्मेट को ही चुना गया।

इसको भी पढ़े 

4G की घोषणा करते ही BSNL की खुली लॉटरी, कनेक्शन लेने के लिए लोगों का टूट पड़ा भीड़, मच गया तहलका

चोरी हुआ Phone खुद लौटा देगा वापस, बस सेटिंग में जाकर On कर दे ये चीज, चोर को भी आ जाएगा चक्कर

Jio के होश उड़ाने के लिए Airtel ने लॉन्च किया 1 साल का वैलिडिटी वाला जबरदस्त प्लान, मात्र इतनी रुपए में

Jio-Airtel के कीमत बढ़ने से BSNL की हो गई बल्ले बल्ले, मात्र 15 दिन में ही इतने लाख लोगों ने खरीदा BSNL का Sim 

WhatsApp यूजर्स की हो गई बल्ले बल्ले अब बिना इंटरनेट के कर सकेंगे ये काम सुनकर नाच उठोगे

क्या है मोबाइल नंबर PORT कराने का सही तरीका, यहां जान ले नहीं तो हो सकता है आपके साथ धोखाधड़ी

Jio यूजर्स के लिए मुकेश अंबानी ने खोला 5G इंटरनेट का खजाना, अब कम कीमतों में फटाफट चलेगा नेट 

अब गरीब और अमीर सभी को मिलेगा फ्री इंटरनेट सरकार ने बना डाला नया नियम जाने डिटेल में

 

http://India

 

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Name

 

 

Leave a Comment